तुम और मैं


Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers

तुम और मैं
अब हम बन
नयी राह पर चल पड़े हैं
तेरे सपने मेरे सपने
अब हम बन
नये आसमां में उड़ चले हैं
अब तू अगर राह के कंकर चुन लेगा
तो रोड़ों को मैं भी दूर करूंगी
राह के गड्ढों को तू पाट देगा
तो खायी मैँ भी नाप लूंगी
ताल में नैय्या तैरा लेगा
तो समुन्दर मैं भी पार करूंगी
तेज़ हवा में लौ बुझने न देगा
तो आँधियों से में भी लड़ सकूंगी
मेरे आंखियों के मोती बिखरने न देगा
तो तेरे हर दुःख का नाश करूंगी
अगर देगा तू साथ सदा
तो हर रिश्ता मैं भी निभा रहूंगी
बस हाथ थामे संग रहना
तू देखना
मैं तुझपर कितना प्यार करूंगी

9 thoughts on “तुम और मैं

  1. साथी और साथ के वलय मे आ कर जिसने ये राह पकडली जो आप ने बताई है तो उसका सफर तो आग के दरिये से भी सुरक्षित निकलेगा. सुंदर भाव है आप की रचना मे.

    Liked by 1 person

Leave a reply to Kartik Raj Meena Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.